यहां प्रथम पक्ष का तात्पर्य उपकरण और उपकरण के मालिक से है, या कम से कम, यदि उपकरण को कोई नुकसान होता है, तो यह प्रथम पक्ष संरक्षण के अंतर्गत आता है।

यह सुरक्षा विशेष रूप से आपके साथ जुड़ी हुई है, क्योंकि यह आपके स्वयं के दुर्भाग्य को कवर करती है, यदि आपके उपकरण के साथ कोई दुर्घटना होती है,

जिसमें यंत्र भी ढका रहेगा और चोट लगने की स्थिति में आप भी इसी सुरक्षा के दायरे में आ जाएंगे।

यहां द्वितीय पक्ष का तात्पर्य बीमा एजेंसी से है, बीमा एजेंसी कुछ भी हो, हम इसे द्वितीय पक्ष कहते हैं, इस तथ्य के आलोक में कि मुख्य बीमा एजेंसी हमारे बाद आती है,

यानी हम जो भी गारंटी लेते हैं, हम उसे बाद की पार्टी से लेते हैं, बाद वाली पार्टी प्राथमिक पार्टी और बाहरी व्यक्ति को सुरक्षा देती है, और बाद में सुरक्षा की गारंटी देती है।

प्रमुख पक्ष आप होंगे और उसके बाद का पक्ष आपका संगठन होगा, यदि बीच में कोई तीसरा व्यक्ति, हम उसे बाहरी कहते हैं, जैसे कि आपके पास साधन है,

इतना ही नहीं अगर किसी बाहरी व्यक्ति के साथ यह हादसा हुआ हो तो हम उस पार्टी को बाहरी व्यक्ति कहेंगे,

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